PUBLISHED : Oct 07 , 2:41 AM
भोपाल।(मंथन पर राजेश शर्मा की खास रपट)।सावधान नुमाइंदारो आ रहा है कमल द्वार। डॉ मोहन यादव मध्यप्रदेश में इन दिनों अपने सख्त फैसलों और उनके क्रियान्वयन को लेकर उज्जैन के सम्राट महाराजा विक्रमादित्य की प्रेरणा से प्रेरित पाए जाते हैं।
राजधानी भोपाल के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में मसूरी अकादमी से सीख कर आए ब्यूरोक्रेसी के नुमाइंदारो को कसने का काम प्रदेश के सम्राट डॉक्टर मोहन यादव ने मंगलवार को किया।
प्रदेश की ब्यूरोक्रेसी को समझाइए देते हुए इस मंथन में उन्होंने कहा कि इस दो दिवसीय कांफ्रेंस में इसी बात पर मंथन किया जाए कि शासन व्यवस्था को ओर अधिक सहज, सरल, बेहतर, पारदर्शी और विकेंद्रीकृत कैसे बनाया जाए ताकि इस पंच सूत्र के साथ डबल इंजन की सरकार का लाभ अधिक शीघ्रता से जनता के बीच पहुंचे।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने फिर जोर देते हुए अपने संबोधन में पंच सूत्र का फार्मूला फिर मसूरी के नुमाइंदारो को दिया। उन्होंने कहा कि जनता, मीडिया, जनप्रतिनिधि और शासन, प्रशासन से निरंतर आत्मीय संबंध बनाने की जरूरत है। मैं समझता हूं कि यह पंच सूत्र प्रदेश के विकास के लिए विकास रथ के रूप में साबित होंगे ।