PUBLISHED : Oct 24 , 7:16 PM
वित्त मंत्री अरूण जेटली ने शनिवार को घरेलू अर्थव्यवस्था की बुनियाद को मजबूत करार देते हुए कहा कि आर्थिक वृद्धि की गति को तेज बनाये रखने के उपाय किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत पिछले तीन साल से सबसे तेज रफ्तार से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है और आने वाले वर्षों में इस रफ्तार को बनाये रखने के लिये प्रयास जारी हैं। वित्त मंत्री जेटली ने देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति पर विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान दिए गए प्रस्तुतीकरण में आर्थिक मामलों के सचिव एससी़ गर्ग ने कहा कि मुद्रास्फीति वर्ष 2014 से लगातार नीचे आ रही है और चालू वित्त वर्ष में भी यह चार प्रतिशत से ऊपर नहीं जाएगी।
अर्थव्यवस्था के वृहद आर्थिक संकेतकों के बारे में उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में चालू खाते का घाटा दो प्रतिशत से कम होगा और विदेशी मुद्रा भंडार 400 अरब डालर से अधिक हो चुका है। राजकोषीय घाटे के बारे में गर्ग ने कहा कि सरकार इसे चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.2 प्रतिशत के लक्ष्य के दायरे में रखने के लिये प्रतिबद्ध है। हालांकि सरकार दिसंबर में इसकी समीक्षा करेगी।
जीडीपी सुस्ती अब समाप्त
उन्होंने कहा कि जीडीपी वृद्धि में आई सुस्ती अब समाप्त हो चली है और अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ने लगी है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भी हाल ही में कहा है कि भारत जल्द ही आठ प्रतिशत वृद्धि हासिल करेगा। गर्ग ने कहा कि सरकार को चालू वित्त वर्ष के लिए तय 72,500 करोड़ रूपये के विनिवेश लक्ष्य को हासिल कर लेने का भरोसा है।
सरकारी खर्च 11.47 लाख करोड़
वित्त सचिव अशोक लवासा ने इस अवसर पर कहा कि इस वित्त वर्ष में अब तक सरकारी खर्च 11.47 लाख करोड़ रूपये हो चुका है। चालू वित्त वर्ष के लिये कुल खर्च 21.46 लाख करोड़ रूपये रखा गया है। वर्ष के दौरान 3.09 लाख करोड़ रूपये के पूंजी व्यय लक्ष्य के समक्ष अब तक 1.46 लाख करोड़ रूपये का खर्च किया जा चुका है।